वॉटर प्यूरीफायर भले ही दिखने में एक जैसे होते हैं, पर उनका पानी शुद्ध करने का तरीक़ा अलग होता है। आरओ और यूवी वॉटर प्यूरीफ़ायर दोनों भी एक-दूसरे से काफ़ी अलग हैं। तो चलिए जानते हैं दोनों के काम करने का तरीक़ा और उनकी कुछ ख़ास बातें भी। इसके साथ ही आरओ और यूवी वॉटर प्यूरीफ़ायर कैसे काम करते है? दोनों में क्या अंतर है? दोनों के क्या फ़ायदे होते हैं? जैसे सवालों के जवाब।
आरओ वॉटर प्यूरीफ़ायर
- आरओ टेक्नोलॉजी पानी में मिले कई पदार्थों को हटाकर पानी शुद्ध करता है। आरओ वॉटर प्यूरीफ़ायर में झिल्ली (मेम्ब्रेन) होती है। जो सभी रसायन और बैक्टीरिया को ख़त्म करके पानी शुद्ध करती है।
- जब पानी झिल्ली (मेम्ब्रेन) से गुजरता है तब सिस्टम सभी अशुद्ध कणों को हटाकर पानी को शुद्ध करता है।
- आरओ वॉटर प्यूरीफ़ायर का मेंटेनेंस कम होता है।
- आरओ वॉटर प्यूरीफ़ायर कम बिजली लेता है।
अगर आपके घर में आनेवाले पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्वड सॉलिड्स) की मात्रा अधिक है, तो आप आरओ को अपनी पहली पसंद बना सकते हैं। इसके साथ ही आप कम बिजली की खपत के साथ-साथ मेंटेनेंस पर बहुत अधिक ख़र्च करना नहीं चाहते, तब भी आपके लिए आरओ का चुनाव बेहतर होगा।
यूवी वॉटर प्यूरीफ़ायर
- यूवी वॉटर प्यूरीफ़ायर में पानी आरओ से गुज़र कर जब आगे बढ़ता है तब यूवी किरणें छोटे-छोटे कणों को साफ़ कर पानी को शुद्ध करती हैं।
- यूवी किरणें पानी के बैक्टीरिया को ख़त्म करती हैं और नए बैक्टीरिया को जन्म लेने से रोकती हैं|
- यूवी वॉटर प्यूरीफ़ायर के यूवी लैंप को हर साल बदलना पड़ता है।
- ६० वॉल्ट लाइट बल्ब जितनी बिजली खर्च करता है उतनी ही बिजली यूवी यूनिट खर्च करता है।
अत: यूवी वॉटर प्यूरीफ़ायर का चुनाव उन घरों के लिए बेस्ट है जिनके यहां आनेवाले पानी में टीडीएस (टोटल डिसॉल्वड सॉलिड्स) की मात्रा कम होती है। हां, मगर जहां तक बात बिजली खपत और मेंटेनेंस की है, ऐसे में आरओ के मुक़ाबले यूवी थोड़ा ज़्यादा ख़र्चीला है।
उम्मीद है आपको सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे और आपके लिए बेहतर चुनाव आसान हो गया होगा!
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